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दसवीं बोर्ड परीक्षा की तैयारी कैसे करें?

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One app for all your study abroad needs Know More x Study Abroad Board Exams 2024 🆕 Hindi Grammar Indian Exams General Knowledge More Subscribe Search for: Search Home   / Class 10th   / दसवीं बोर्ड परीक्षा की तैयारी कैसे करें? दसवीं बोर्ड परीक्षा की तैयारी कैसे करें? Team Leverage Edu   Updated on   जनवरी 17, 2024 1 minute read   छात्र की जिंदगी को बनाने का सबसे पहला अध्याय 10वीं की कक्षा होती है। यह छात्रों के जीवन की सबसे महत्वपूर्ण परीक्षाओं में से एक के रूप में जानी जाती है, आप सही रणनीति और धैर्य के साथ बोर्डों पर अच्छा स्कोर कर सकते हैं। 10वीं बोर्ड परीक्षा के बाद हम यह तय कर सकते हैं कि  साइंस ,  कॉमर्स  या  आर्ट्स  में से किस फील्ड में जाना है। साथ ही जॉब के समय हमारा रिज्यूम में 10वीं का रिजल्ट देखा जाता है। 10वीं बोर्ड परीक्षा के बाद छात्र अपने जीवन में क्या करना चाहता है तो वह उसी हिसाब से विषय चुनता है। इस ब्लाॅग में हम दसवीं बोर्ड परीक्षा की तैयारी कैसे करें के बारे में विस्तृत जानेंगे। This Blog Includes: गणित के लिए...

चीन ने सोलोमन से किया QUAD को चैलेंज तो फिजी ने दिखाई औकात! अमेरिका से मिलाया हाथ, IPEF शामिल

चीन ने सोलोमन से किया QUAD को चैलेंज तो फिजी ने दिखाई औकात! अमेरिका से मिलाया हाथ, IPEF शामिल

Curated by RAHUL KUMAR SIDHART ROY 
DIGITAL| Updated: May 28, 2022, 12:33 PM

Fiji US Relations : वाइट हाउस ने आईपीईएफ के संस्थापक सदस्य के रूप में फिजी का स्वागत किया है। अमेरिकी नेतृत्व वाले इस समूह में अब पूर्वोत्तर और दक्षिण पूर्व एशिया, दक्षिण एशिया, ओशिनिया और प्रशांत द्वीप समूह के देश शामिल हो गए हैं।

हाइलाइट्स

  • अमेरिका के आर्थिक समूह IPEF में शामिल हुआ फिजी
  • 10 देशों की यात्रा पर चीन के विदेश मंत्री, फिजी भी जा सकते हैं10 छोटे देशों के साथ डील करने जा रहा चीन, फिजी ने दिया झटका
  • 10 छोटे देशों के साथ डील करने जा रहा चीन, फिजी ने दिया झटका

U.S. Secretary of State Antony Blinken visits Fiji
चीन के बजाय फिजी ने मिलाया अमेरिका से हाहा

शिंगटन : फिजी अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के इंडो-पैसिफिक इकोनॉमिक फ्रेमवर्क में शामिल हो रहा है। वाइट हाउस ने गुरुवार को इसकी जानकारी दी। इसी के साथ फिजी चीन के बढ़ते क्षेत्रीय प्रभाव को कम करने के अमेरिकी प्रयासों का हिस्सा बनने वाला पहला प्रशांत द्वीप देश बन गया है। अमेरिका ने यह घोषणा ऐसे समय पर की है जब चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने फिजी सहित प्रशांत द्वीप देशों का व्यापक दौरा शुरू किया है। खबरों के मुताबिक वह 10 क्षेत्रीय देशों का दौरा करने जा रहे हैं कि जिसकी शुरुआत उन्होंने सोलोमन द्वीप से की है।

न्यूज एजेंसी रॉयटर्स की खबर के अनुसार फिजी बीजिंग और वाशिंगटन के बीच प्रभाव के मुकाबले में एक तनावपूर्ण मोर्चा बनता जा रहा है। सोलोमन पहुंचे चीनी विदेश मंत्री प्रशांत महासागर में ऑस्‍ट्रेलिया के बेहद करीब स्थित 10 छोटे-छोटे देशों के साथ सुरक्षा व व्यापार समझौता करने जा रहे हैं। ऑस्ट्रेलिया सोलोमन में चीन के दखल को खतरा मानता है। ऐसे में चीन की इस चाल से ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका टेंशन में हैं।
undefinedऑस्‍ट्रेलिया को घेरने में जुटा चीन, प्रशांत महासागर में 10 देशों के साथ बना रहा अपना 'क्‍वाड', टेंशन में अमेरिका
हिंद-प्रशांत क्षेत्र की स्वतंत्रता को लेकर प्रतिबद्ध
वाइट हाउस ने आईपीईएफ के संस्थापक सदस्य के रूप में फिजी का स्वागत किया है। अमेरिकी नेतृत्व वाले इस समूह में अब पूर्वोत्तर और दक्षिण पूर्व एशिया, दक्षिण एशिया, ओशिनिया और प्रशांत द्वीप समूह के देश शामिल हो गए हैं। अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने जलवायु परिवर्तन के खिलाफ लड़ाई में फिजी के अहम योगदान को रेखांकित किया। उन्होंने एक बयान में कहा, 'पूरी दुनिया में, हम एक स्वतंत्र, खुले और समृद्ध हिंद-प्रशांत क्षेत्र के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को लेकर एकजुट हैं।'

'भू-राजनीतिक शतरंज की बिसात न बने एशिया-प्रशांत'
उन्होंने कहा कि फिजी के जुड़ने से आईपीईएफ अब हिंद-प्रशांत क्षेत्र की क्षेत्रीय विविधता का प्रतिनिधित्व करता है। बाइडन ने राष्ट्रपति के तौर पर अपनी पहली एशिया यात्रा के दौरान इस हफ्ते की शुरुआत में आईपीईएफ की शुरुआत की थी। फिजी इस समूह में शामिल होने वाला 14वां देश है जिसमें चीन शामिल नहीं है। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन से जब फिजी के आईपीईएफ में शामिल होने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने पत्रकारों से कहा, 'एशिया-प्रशांत क्षेत्र को 'भू-राजनीतिक शतरंज' की बिसात नहीं बनना चाहिए।'

क्या है आईपीईएफ?
अमेरिका के नेतृत्व में बना आईपीईएफ वैश्विक जीडीपी के 40 प्रतिशत हिस्से का प्रतिनिधित्व करता है जिसमें एक दर्जन से अधिक देश शामिल हैं। कुछ विश्लेषक इसे क्षेत्र में चीन के बढ़ते प्रभाव का मुकाबला करने के लिए एक कदम के रूप में देखते हैं। सोमवार को भारत भी इस इकोनॉमिक ग्रुप का हिस्सा बन गया। इसमें ऑस्ट्रेलिया, ब्रुनेई, भारत, इंडोनेशिया, जापान, दक्षिण कोरिया, मलेशिया, न्यूजीलैंड, फिलीपींस, सिंगापुर, थाईलैंड और वियतनाम शामिल हैं। इन देशों का कुल मिलाकर ग्लोबल जीडीपी में 40 फीसदी का योगदान है। यह आर्थिक ढांचा चार स्तंभों पर टिका हुआ है जिसमें व्यापार, सप्लाई चेन, क्लीन एनर्जी डीकार्बोनाइजेशन और टैक्स व एंटी-करप्शन उपाय शामिल हैं।

10 देशों के साथ चीन का सुरक्षा समझौता
सोलोमन द्वीप पहुंचे चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने बेल्‍ट एंड रोड परियोजना शुरू करने के लिए समझौते पर हस्‍ताक्षर किए। चीन और प्रशांत महासागर के 10 देशों के बीच बने मसौदा प्रस्‍ताव में कहा गया है कि प्रशांत महासागर के ये देश सुरक्षा, निगरानी, साइबर सुरक्षा और आर्थिक विकास के क्षेत्रों में काम करेंगे। इस मसौदा प्रस्‍ताव पर चीन-प्रशांत द्वीपीय देशों के विदेश मंत्रियों में चर्चा होने की अपेक्षा है। यह बैठक फिजी में अगले सप्‍ताह होने जा रही है। चीनी विदेश मंत्री 10 क्षेत्रीय देशों के दौरे पर पहुंचे हैं। उनका किरिबाती, सामोआ, फिजी, टोंगा, वनुआतू, पापुआ न्‍यू गिनी और पूर्वी तिमोर जाने का भी कार्यक्रम है।

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